Maa… Mai Nirdosh hu | माँ… मैं निर्दोष हूँ

ऐ…करमजली…ह-रा-म-खो-र…जन्म लेते ही माँ को खा गई, अब मुझे खायेगी क्या? अभी तक सोती रहेगी…संध्या हड़बड़ा कर उठ बैठी… देखी…प्रातःकाल के छः बज रहे थे। दिल डर के मारे बहुत तेजी से धड़कने लगा था,[…]

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